۱۰ مهر ۱۴۰۳ |۲۷ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Oct 1, 2024
लखनऊ

हौज़ा / लखनऊ की दरगाह हज़रत अब्बास अ.स. में भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी, आफताबे शरीयत मौलाना डॉ. सैयद कल्बे जवाद नकवी के नेतृत्व में शहीद-ए-कुद्स सैयद हसन नसरल्लाह की शहादत की याद में एक भव्य ताज़ियती व एहतजाजी जलसा आयोजित किया गया। इस आयोजन में भारी जनसमूह उमड़ पड़ा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,लखनऊ की दरगाह हज़रत अब्बास अ.स. में भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी, आफताबे शरीयत मौलाना डॉ. सैयद कल्बे जवाद नकवी के नेतृत्व में शहीद-ए-कुद्स सैयद हसन नसरल्लाह की शहादत की याद में एक भव्य ताज़ियती व एहतजाजी जलसा आयोजित किया गया। इस आयोजन में भारी जनसमूह उमड़ पड़ा।

लखनऊ की दरगाह हजरत अब्बास (अ.स.) में भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी, आफताबे शरीयत मौलाना डॉ. सैयद कल्बे जवाद नकवी के नेतृत्व में शहीद-ए-कुद्स आयतुल्लाह सैयद हसन नसरल्लाह की शहादत की याद में एक भव्य ताज़ियती व एहतजाजी जलसा आयोजित किया गया। इस आयोजन में भारी जनसमूह उमड़ पड़ा, जिसमें हज़ारों की संख्या में लोग शामिल हुए।

मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने इस मौके पर मीडिया को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि देश के लिए लड़ने वाले और गरीबों की मदद करने वाले को 'आतंकवादी' करार देने वालों को होश में आना चाहिए।

उन्होंने सवाल किया, "गांधी जी, सुभाष चंद्र बोस, और अशफाक उल्लाह खान, जिन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, क्या उनकी नजरों में वे भी आतंकवादी थे?" मौलाना ने इस टिप्पणी के ज़रिए उन ताकतों की कड़ी आलोचना की, जो ऐसे महान नेताओं और शहीदों के संघर्ष को गलत रूप में पेश कर रही हैं।

जन सैलाब ने इस जलसे में अपनी उपस्थिति से न सिर्फ आयतुल्लाह नसरल्लाह की शहादत को श्रद्धांजलि दी, बल्कि उनके आदर्शों के प्रति अपना समर्पण भी व्यक्त किया।

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